एड़ी का दर्द
यह एक वात का विकार है। समय रहते सावधान रहें।
एड़ी में दर्द क्यों होता है?
एड़ी की हड्डी की सूजन भी कई बार इसका कारण हो सकती है।
ये भी कुछ कारण हो सकते हैं।
* नियमित पेट साफ न होना।
* अधिक भारी भोजन करना।
* जल्दी जल्दी खाना।
निदान
* एक चम्मच मेथी दाना + पानी सुबह और शाम लें।
* नींबू का एक टुकड़ा छिलके सहित चबाकर खा लें।
* हाथों और पैरों के तलवों को आगे-पीछे दबाएं। इससे जल्दी फायदा होगा। खाली पेट सुबह और शाम को करें।
* गुनगुना पानी ही पिएं।
* पेट साफ रखें। इसके लिए त्रिफला चूर्ण लें। या रात के समय गर्म पानी में अरंडी का तेल लें।
* हल्का आहार लें।
* तेल लगाकर सांस रोककर एड़ी की मालिश करें। सांस छोड़ते हुए मालिश करना बंद कर दें। इसके बाद फिर से सांस रोककर रखें और मसाज करें। ऐसा 5/10 बार करें। इसे खाली पेट करें।
* खाली पेट कुछ देर सांस रोककर एड़ी के बल चलें।
* आंवला किसी भी रूप में खाएं। चाहे वह पावडर हो या कच्चा।
आसान इलाज
* गर्म पानी में नमक डालकर सेक करें।।* एड़ी का दर्द एक प्रकार से वात का ही रोग है। होम्योपैथिक गोलियां लें।
* नरम चप्पलों का प्रयोग करना चाहिए।
* कुछ साधारण फिजियोथेरेपी अभ्यास, जैसे दीवार के सामने अपने हाथों को टिकाकर खड़े होना और अपने पैर की उंगलियों को उठाना और फर्श पर वहीं पर जॉगिंग करना।
* तौलिये को जमीन पर फैलाएं, उस पर पैर रखें और उंगलियों से तौलिये को उठाएं।
* Hips को एड़ी पर लगाने की कोशिश करें या इसका उल्टा करें।
* एक रुई का पत्ता या एरंड का पत्ता गर्म करके लगाएं या एक ईंट का टुकड़ा गर्म करें और एड़ी को सेक करें।
* कोई भी खाने के तेल में नमक डालकर फेंट लें। उससे रात को मालिश करें व socks पहन लें।
* पानी की बोतल में पानी भरकर फ्रीजर में रख दें। जब पूरी तरह से बर्फ़ बन जाए तो इसे पैरों के नीचे रखें और पैरों को आगे-पीछे करते रहें। पहले तो बहुत ठंड लगती है लेकिन फिर बेहतर महसूस होने लगती है। ऐसा करीब 5-10 मिनट तक करें। ऐसा दिन में 2-3 बार करें। अगले दिन बहुत अलग महसूस होगा। ऐसा 3-4 दिन तक करने के बाद आपको फर्क महसूस होने लगेगा।
* बर्फ से मांसपेशियों की सूजन कम होती है और बेहतर महसूस होता है।
* सही तरह के फुटवियर का इस्तेमाल करना भी जरूरी है। जब भी संभव हो आपके पास कम से मध्यम ऊँची एड़ी होनी चाहिए जो आपके पैरों के तलवों के लिए नरम हो। ऐसे जूते पहनने से बचें जिनमें एड़ी न हो। स्पंज गद्दे वाले फुटवियर का इस्तेमाल करना चाहिए।
* जितना हो सके आराम करें। पैरों को सीधा और थोड़ा ऊपर उठाकर रखें। बर्फ का सेक करें ।
* प्रतिदिन अपना पेट साफ रखें ।
जब कभी भी एड़ी में दर्द हो तो उस वक्त यह एक्सरसाइज करें। अचूक एक्सरसाइज है। अपने पैर की उंगलियों को ऊपर की तरफ पीछे की तरफ थोड़ा जोर से मोड़े। जैसे थोड़ा सा दर्द भी हो। आप देखेंगे आपकी एड़ी के दर्द में काफी फर्क आएगा। ऐसा दिन में दो-तीन बार करें या जब भी समय मिले तब करें आपकी एड़ी को काफी आराम मिलेगा।
EDEE KA DARD
Yah ek vaat vikaar hai. Samay rahate saavadhaan rahen. Edee mein dard kyon hota hai? Edee kee haddee kee soojan bhee kaee baar isaka kaaran ho sakatee hai. Ye bhee kuchh kaaran ho sakate hain. Niyamit pet saaph na hona. Adhik bhaaree bhojan karana. Jaldee jaldee khaana.
nidaan
* Ek chammach methee daana + paanee subah aur shaam len.
* Neemboo ka ek tukada chhilake sahit chabaakar kha len.
* Haathon aur pairon ke talavon ko aage-peechhe dabaen. Isase jaldee phaayada hoga. khaalee pet subah aur shaam ko karen.
* Gunaguna paanee hee pien.
* Pet saaph rakhen. Isake lie triphala choorn len. Ya raat ke samay garm paanee mein arandee ka tel len.
* Halka aahaar len.
* Tel lagaakar saans rokakar edee kee maalish karen. Saans chhodate hue maalish karana band kar den. Isake baad phir se saans rokakar rakhen aur masaaj karen. Aisa 5/10 baar karen. Ise khaalee pet karen.
* Khaalee pet kuchh der saans rokakar edee ke bal chalen.
* Niyamit praanaayaam karen.
* Aanwala kisee bhee roop mein khaen. Chaahe vah pawder ho ya kachcha.
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