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दिन कम है पर अभी रोशन दिए हैं। | DIN KAM HAI PAR ABHI ROSHAN DIYE HAI | The Day Is Short But It Has Brightened After 55 In Hindi By Saral Vichar

दिन कम है पर अभी रोशन दिए हैं। | DIN KAM HAI PAR ABHI ROSHAN DIYE HAI | The Day Is Short But It Has Brightened After 55 In Hindi By Saral Vichar


दिन कम है पर अभी रोशन दिए हैं।

सेवा कर रहा है बच्चा तो बहुत अच्छा।
अगर नहीं कर रहा है तो यह सोचना भी मत
कि हमें उनसे सेवा की भीख लेना है।
अरे बड़ी उम्र वालों... बड़ा पत्थर सीने पर रखकर
हमें जीना सीख लेना है, हां... हमें जीना सीख लेना है ।

अपनी खुशियां अपने आप टटोलो,
ज्यादा देखो, ज्यादा सुनो, पर कम बोलो ।
इस कांटो भरे जहान से फूल छांटो और
जितनी भी खुशियां मिले उन खुशियों को बांटो।
खुशियां बांटने से खुशियां बढ़ती है ।

दिल के जख्म दिखाने से सुकून का एहसास होता है
मगर मत दिखाना अपने जख्म...
क्योंकि मरहम किसी-किसी के पास होता है...
पर नमक सबके पास होता है।

हां मगर खाली मत बैठ, कुछ ना कुछ काम कर
बच्चों को पढ़ा, कुछ सीख, बीच-बीच में आराम कर।
मरने मत दे अपने अरमानों को।
औकात अनुसार हसरत कर..
रोज सुबह जल्दी उठ, गार्डन जा, दोस्तों से मिल और नियमित रूप से कसरत कर।
क्योंकि धन,दौलत, गाड़ी, बंगला अगर तेरे पास है तो यह मत समझ कि तू अमीर है...
क्योंकि तेरा सच्चा लाइफ पार्टनर कुछ है तो वह तेरा अपना शरीर है।

इसलिए इस उम्र में इस दौर में बहुत अंदर,
अंदर से भी अंदर एक मामूली क्रैक होता है।
तो अगर लापरवाही बरती तो
एक छोटा सा हार्ट अटैक होता है।
हां मगर उसको भी तू झेल जाता है।
अपनी पारी खेल जाता है।
क्योंकि तेरे सामने तेरा कमाया हुआ पैसा,
तेरा कमाया हुआ नाम, तेरे पोते, तेरे नाते,
तेरा बनाया हुआ घोंसला होता है और
यही तेरे जीवन जीने का हौसला होता है।

इसलिए ना किसी के झंझट में पड़
ना किसी की किटकिट में।
हर शौक पूरा कर मगर..हर शौक लिमिट में
लिमिट में खाना, लिमिट में पीना, लिमिट में गुस्सा
और प्यार भी लिमिट में करना है क्योंकि
पता नहीं तेरी सबसे प्यारी चीज कब तुझसे रूठ जाए
पता नहीं तेरी सबसे प्यारी चीज कब तुझसे रूठ जाए।।

और जोड़ीयों पर मत भरोसा करना...
पता नहीं कि जोड़ी कब टूट जाए।
अपनी आंखें और दिमाग खुला रख
भूल जा पुरानी बातों को
गलती से भी उन्हें खरोंचना नहीं।
मैं बूढ़ा हो गया हूं ऐसा बोलना तो क्या...
सोचना भी नहीं।

क्योंकि तू पुराना खंडहर नहीं... एक मजबूत इमारत है।
एक किला है, एक गढ़ है। एक दुर्ग है।
अपने परिवार का सबसे प्यारा बुजुर्ग है।
तुझी से घर की आन है... बान है.. शान है, वैभव है
और तेरा सबसे बड़ा कुछ हथियार है तो...
तेरा अपना अनुभव है, हां तेरा अपना अनुभव है।

कमर अभी झुकी नहीं, ख्वाहिशें अभी थकी नहीं और
सबसे बड़ी बात तेरी सांस अभी रुकी नहीं।
इस विशाल जमीन पर आसमान के नीचे
तू पेड़ का तना है।
धूप खाई है कितने सालों...
तब जाकर यह फ्रूट.... ड्राई फ्रूट बना है।

इस उम्र में हौसला होता है, हिम्मत ज्यादा होती है और
वैसे भी मार्केट में ड्राई फ्रूट की कीमत ज्यादा होती है।।
इसलिए मत देख अपने बीते सालों को...मत देख अपने उड़ते बालों को...

अरे देखना है तो अपने अंदर उमड़ते हुए सैलाब को देख।
हिम्मत देखनी है तो उन बुजुर्ग महापुरुषों को देख
जिन्होंने साबित कर दिया है कि कुदरत की अदालत में उम्र की अर्जी दायर नहीं होती ,
आदमी रिटायर हो जाता है पर उसकी खूबियां रिटायर नहीं होती।

खुश रहो आबाद रहो। आखिरी गेम तक नाबाद रहो।
खाओ..पियो.... अमीरी में मरो मत...
अमीरी में जियो.... अमीरी में जियो।।

-प्रकाश निहालानी

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