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जीवन के कड़वे सत्य / JEEVAN KE KADVE SATYA / BITTER TRUTH OF LIFE In Hindi By Saral Vichar

हां ये सच है | HA, YE SACH HAI | Yes, This Is True In Hindi By Saral Vichar

1. कोई भी व्यक्ति अपनी ग़लती नहीं मानता । बुरे से बुरे कार्य को करने की उसकी अपनी एक वजह होती है जिससे उसे लगता है जो उसने किया एकदम सही किया ।

2. अपना दुःख सबको सबसे ज़्यादा भयंकर लगता है । बाहर चाहे भूकंप आया हो, अपना दांत का दर्द ही ज्यादा लगता है

3. जो जीवन में कुछ नहीं कर पाते वो बहाने बनाते हैं ।

4. शक्ल मायने नहीं रखती ये झूठ दुनिया के बदसूरत लोगों ने फैलाया है ।
पैसा मायने नहीं रखता ये ग़रीबों का झूठ है ।

5. जिससे प्रेम करोगे और उसे व्यक्त करोगे और उसे समझ आ जाए कि तुम गहन प्रेम में हो, उसी पल से वो तुमसे प्रेम करना बंद कर देगा ।

6. प्रेम हमेशा एक तरफ़ा ही होता है। दोनों में कोई एक हमेशा होता है जो ज़्यादा दर्द सहता है ।

7. भारत में विवाह, अक्सर सामाजिक और आर्थिक जरूरतों का संगम होता है,और एक दूसरे को झेलने का एक मात्र कारण ये ज़रूरतें ही हैं । कई लोग ऐसे भी हैं जो वास्तव में प्रेम कर पाते हैं ।

8. ग़ुस्से में इंसान वही बोलता है जो उसे सच में आपके बारे में लगता है तो ग़ुस्से में बोले गए शब्दों से आप जान सकते हैं की उसके दिमाग़ में आपके लिए क्या जगह है ।

9.अधिकांश पुरुषों के लिए किसी महिला के साथ संबंध बनाना जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होती है, लेकिन यह एकमात्र उपलब्धि नहीं है। जीवन में और भी कई महत्वपूर्ण पहलू हैं।

10. किसी के टाल मटोल करने का मतलब ना ही है । देखता हूँ, सोचता हूँ, कोशिश करता हूँ का मतलब ना ही होता है ।

11 कोई इंसान अगर अपने हिस्से से भी पहले आपको खाने के लिए पूछता है या ज़बरन आपको दे देता है इसका मतलब है वो सच में आपसे प्रेम करता है ।

12. लोगों को सहानभूति चाहिए, सलाह नहीं। तो भूल कर भी किसी को राह न सुझाएं ।

13. जो अपने दिए गए समय पर भी नहीं पहुँच सकते उनसे किसी चीज़ की उम्मीद करना बेकार है ।

14. किसी के ख़र्च करने के ढंग से आप बता सकते हैं की आदमी ख़ानदानी रईस है या नया नया बना है ।खानदानी रईस लोग आमतौर पर योजना बनाकर खर्च करते हैं। वे दिखावे के बजाय गुणवत्ता और टिकाऊपन को महत्व देते हैं।
नया-नया बना रईस अक्सर अपनी संपत्ति का दिखावा करता है और फिजूलखर्ची करता है।

15. जैसा आप सोचते हैं वैसा आप बन जाते हैं ।

16. किसी बहस को ख़त्म करने का सबसे अच्छा वाक्य है... हम्म... तुम सही कहते हो मुझे इसपर ध्यान देना चाहिए था ।

17. कोई व्यक्ति अच्छा केवल इस लिए नहीं कहा जा सकता क्यूँकि वो अपनी पत्नी-बच्चे से अच्छे से व्यवहार कर रहा । वो तो उसका कर्तव्य है । लेकिन अगर वो उनसे भी उतने अच्छे से ही व्यवहार करता हो जिनसे उनका नाता न हो तो उसे अच्छा कहा जा सकता है ।

18. प्रेम या तो होता है या नहीं होता। किसी से किए प्रेम को नाप नहीं सकते। जैसे उससे मुझे ज़्यादा प्रेम है उससे कम । अगर प्रेम के आधार पर आप लोगों को अंक दे सकते हैं तो वो अंक प्रेम का नहीं बल्कि उनसे आपको मिलने वाले लाभ के अंक है । जैसे आप कहे की मैं इस दोस्त से ज़्यादा प्रेम करता हूँ दूसरे को पहले से कम तो इसका मतलब ये है पहले को आप अपने लिए ज़्यादा फ़ायदे मंद मानते हैं ।

19. अपनी ख़ुशी सबकी होनी चाहिए पर अपना दुःख सिर्फ़ अपना । हमें अपनी खुशियाँ दूसरों के साथ साझा करनी चाहिए, लेकिन अपने दुखों को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए।

20. लोग आपके सामने किसी दूसरे के बारे में जो बोलते हैं वैसा ही दूसरों के सामने आपके लिए भी बोलते हैं ।

21. हम जिस चीज से घृणा करते हैं, वह हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या बन जाती है। घृणा करने से हम उस चीज पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे वह हमारे जीवन में और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

22.मन से लड़ने पर हम अपनी ही शक्ति का विनाश करते रहते हैं। मन को स्वीकार करने और शांत मन से देखने पर, यह एक मित्र बन सकता है। हमें अपने मन को स्वीकार करना और उसे शांति से देखना चाहिए। इससे हम अपने मन को नियंत्रित कर सकते हैं और एक बेहतर जीवन जी सकते हैं।

SARAL VICHAR

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