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बीरबल की चतुराई | BIRBAL KI CHATURAI | Birbal's Cleverness In Hindi By Saral Vichar

बीरबल की चतुराई  | BIRBAL KI CHATURAI | Birbal's Cleverness In Hindi By Saral Vichar

एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल को हरा देने का बीड़ा उठाया। बादशाह ने बीरबल से भरी सभा एक सवाल पूछा- बीरबल, मुझे जल्दी से जल्दी गिनकर बताओ कि हमारी दिल्ली में आंखवाले लोग ज्यादा हैं या बिना आंखवाले? बीरबल के पास दो आंखों के सिवाय अक्ल की तीसरी आंख भी थी। बीरबल बोला- जहांपनाह, आपने बड़ा पेचीदा सवाल मेरे सामने रखा है। सवाल के पेंच को खोलने के लिए मुझे सिर्फ आठ दिन का वक्त दें दें मैं आपके सवाल का सही-सही जवाब दे दूंगा। बादशाह ने बीरबल को आठ दिन का वक्त दे दिया। बीरबल अगले दिन से चांदनी चौक के चौराहे पर जूते गांठने का काम करने लगा।

बीरबल को जूते गांठते देख हर कोई आने-जाने वाला पूछता- बीरबल, आप यहां क्या कर रहे हो? बीरबल एक ही जवाब देता- जूते सी रहा हूं।

सवाल पूछने वाले का दिमाग यह जवाब सुनकर खाली हो जाता। बीरबल जूते ही गांठ रहा था और जवाब में भी कह रहा था कि जूते गांठ रहा हूं। इस तरह दिन भर सवाल पूछने वाले आते और सवाल पूछकर आगे बढ़ जाते। बीरबल सबको यही जवाब देता। हर आदमी के जाने के बाद पीछे से बीरबल उनका नाम अंधों में लिख लेता। ऐसा करते हुए बीरबल को छह दिन बीत गए। सांतवें दिन बादशाह खुद चांदनी चौक के चौराहे पर आए और पूछ बैठे- बीरबल, तुम यहां चौराहे पर बैठकर यह क्या कर रहे हो ? बीरबल का वही सधा-सधाया और बंधा-बंधाया
जवाब था- जहांपनाह! जूते गांठ रहा हूं। बादशाह भी इतना पूछ कर चला गया। बादशाह ने सोचा- आठवें दिन बीरबल को दरबार में आने दो, तभी उसे पता चलेगा कि उसने सात दिन ऐसे ही बेवकूफी में गुजार दिए। आठवें दिन बीरबल दरबार में हाजिर हो गया। ठीक वक्त पर बादशाह दरबार में आए। शाही तख्त पर में बैठे। बीरबल से पूछा- हमारे सवाल का जवाब लाए हो ? बीरबल ने मस्ती में झूमते हुए कहा- हां, जहांपनाह! मैं आपके सवाल का वाजिब जवाब लेकर ही हाजिर हुआ हूं। बादशाह ने फिर सवाल दोहराया बताओ हमारी दिल्ली में आंखवाले ज्यादा हैं या बिना आंखवाले ज्यादा हैं? बीरबल बोला- जहांपनाह! आपकी दिल्ली में अंधे ज्यादा है, आंखवाले कम हैं।

बादशाह ने कहा बीरबल, तुम गलतबयानी कर रहे हो। इस दरबार में ही देख लो, यहां आंखवाले लोग ज्यादा हैं। उतने अंधे कहां हैं?

जहांपनाह, यहां जितने लोग और दरबारी बैठे हैं, इन्हें देखकर ही आप कह रहे हैं न कि आंखवाले दिल्ली में ज्यादा हैं। पर मैं दिल्ली के चांदनी चौक में बैठकर जूते सी रहा था। उस वक्त सभी लोगों ने मुझसे एक ही सवाल किया था कि बीरबल तुम क्या कर रहे हो जबकि वे देख रहे थे कि मैं जूते गांठ रहा था। फिर भी इन्होंने बार-बार सवाल पूछा कि क्या कर रहे हो? तो जो रु-ब-रु देखकर भी सवाल करे तो वह अंधा हुआ या नहीं?

बादशाह चुप हो गया। क्योंकि बादशाह ने भी बीरबल से ऐसा सवाल पूछा था ।

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एक बार, बादशाह अकबर ने बीरबल से एक ऐसा सवाल पूछा जिसका जवाब देना किसी के लिए भी मुश्किल था। बादशाह ने बीरबल से पूछा, "बीरबल, मुझे बताओ कि इस दुनिया में सबसे मजबूत चीज क्या है?"

बीरबल ने थोड़ी देर सोचा और फिर बोला, "जहांपनाह, इस दुनिया में सबसे मजबूत चीज है पानी।"

बादशाह हँस पड़े और बोले, "पानी! कैसे? पानी तो बहुत ही नरम होता है।"

बीरबल ने कहा, "जहांपनाह, आप सही कह रहे हैं कि पानी बहुत नरम है, लेकिन यह सबसे मजबूत भी है। आपने देखा होगा कि पानी पत्थर को भी चीर देता है। धीरे-धीरे पानी पत्थर पर टपकता रहता है और अंत में पत्थर में एक छेद कर देता है। इसी तरह, पानी ही धरती को हिलाकर भूकंप लाता है।"

अकबर ने कहा, पानी बहुत मजबूत है। लेकिन क्या तुम मुझे एक ऐसी चीज बता सकते हो जो पानी से भी मजबूत हो?"

बीरबल ने कहा, "महाराज, सूरज पानी से भी मजबूत है। सूरज की गर्मी से पानी वाष्प बन जाता है।"

अकबर ने कहा, तुमने सही जवाब दिया है। लेकिन क्या तुम मुझे एक ऐसी चीज बता सकते हो जो सूरज से भी मजबूत हो?"

बीरबल ने कहा, "महाराज, बादल सूरज से भी मजबूत है। बादल सूरज की रोशनी को भी रोक लेते हैं।"

अकबर ने कहा, "तुम बहुत चालाक हो, बीरबल। तुमने सही जवाब दिया है। लेकिन क्या तुम मुझे एक ऐसी चीज बता सकते हो जो बादल से भी मजबूत हो?"

बीरबल ने कहा, "महाराज, इंसान बादल से भी मजबूत है। इंसान बादलों को भी हटा सकता है।"

अकबर ने कहा, "तुम बहुत बुद्धिमान हो, बीरबल। तुमने सही जवाब दिया है। 

इस तरह बीरबल ने अपनी बुद्धि और चालाकी से अकबर को प्रभावित किया और उनके भरोसेमंद सेवक बन गए।

अकबर और बीरबल की इस कहानी में बीरबल ने एक बहुत ही चालाक जवाब दिया था। उन्होंने यह कहकर कि "इंसान बादलों को भी हटा सकता है," अकबर को प्रभावित किया।

बीरबल ने यह दिखाया कि अगर हम चाहें तो असंभव को भी संभव बना सकते हैं। मन की शक्ति बहुत बड़ी होती है। अगर हम कुछ करने की ठान लें तो हम कुछ भी कर सकते हैं।

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एक बार, बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा, "बीरबल, मुझे बताओ कि इस दुनिया में सबसे कमजोर चीज क्या है?"
बीरबल ने थोड़ी देर सोचा और फिर बोला, "जहांपनाह, इस दुनिया में सबसे कमजोर चीज है इंसान का अहंकार।" जो हमेशा कभी न कभी टूटता जरूर है।
बादशाह ने पूछा, "अहंकार? कैसे?"
बीरबल ने कहा, "जहांपनाह, अहंकार इंसान को अंधा बना देता है। अहंकारी इंसान दूसरों की बात नहीं सुनता और हमेशा खुद को ही सही समझता है। अहंकार इंसान को नष्ट कर देता है।"
बादशाह बीरबल की बातों से सहमत हुए ।

SARAL VICHAR

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