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ईश्वर कौन है ? I ISHWAR KOUN HAI? WHO IS GOD IN HINDI BY SARAL VICHAR

ईश्वर कौन है ? I SHWAR KOUN HAI? WHO IS GOD IN HINDI BY SARAL VICHAR


कौन चलाता है यह दुनिया को ??? कहाँ है ईश्वर??

यही सवाल हमें अक्सर आता है।
ईश्वर का कोई रूप नहीं। लोग उसे कैसे माने? इसलिए हमारे ऋषि मुनियों ने उन्हें मूर्तियों का रूप दिया। किंतु ईश्वर तो मूर्तियों में भी नहीं। वह तो हर समय हमारे पास है, हमारे साथ है।
माँ के पेट में थे नौ महीने तक, कोई दुकान तो चलाते नहीं थे, फिर भी जिए।
हाथ—पैर भी न थे कि भोजन कर लो, फिर भी जिए।
सांस लेने का भी उपाय न था, फिर भी जिए।


नौ महीने माँ के पेट में हम थे, कैसे जिए?
हमारी मर्जी क्या थी? किसकी मर्जी से जिए?

फिर माँ के गर्भ से जन्म हुआ, जन्मते ही, जन्म के पहले ही माँ के स्तनों में दूध भर आया, किसकी मर्जी से?
अभी दूध को पीनेवाला आने ही वाला है कि दूध तैयार है,
किसकी मर्जी से?
गर्भ से बाहर होते ही हमने कभी इसके पहले साँस नहीं ली थी।
माँ के पेट में तो माँ की साँस से ही काम चलता था।
लेकिन जैसे ही हमें माँ से बाहर होने का अवसर आया,
तत्क्षण हमने साँस ली, किसने सिखाया?

पहले कभी साँस ली नहीं थी, किसी पाठशाला में गए नहीं थे, किसने सिखाया कैसे साँस लो?
किसकी मर्जी से?
फिर कौन पचाता है हमारे दूध को जो हम पीते हैं,
और हमारे भोजन को?
कौन उसे हड्डी, मांस, मज्जा में बदलता है?

किसने हमें जीवन की सारी प्रक्रियाएँ दी हैं?
हम जब थक जाते हैं तो कौन हमें सुलाता है?
हमारी नींद पूरी हो जाती है तो कौन हमें उठाता है?
कौन चलाता है इन चाँद, सूर्यों को?
कौन इन वृक्षों को हरा रखता है?
कौन खिलाता है फूल अनंत-अनंत रंगों के और सुगंधों के
इतने विराट का आयोजन जिस स्रोत से चल रहा है,
एक तुम्हारी छोटी-सी जिंदगी उसके सहारे बिना चल न सकेगी?

थोड़ा सोचो... थोड़ा ध्यान करो।
अगर इस विराट के आयोजन को तुम चलते हुए देख रहे हो,
कहीं तो कोई व्यवधान नहीं है, सब सुंदर चल रहा है,
सुंदरतम चल रहा है।
ईश्वर दिखता नहीं... बल्कि दिखाता है।
ईश्वर सुनता नहीं बल्कि सुनने की शक्ति देता है।
संसार में कोई भी वस्तु बिना बनाये नहीं बनती। अतः संसार भी किसी ने अवश्य बनाया है।
यही तो ईश्वर है।

SARAL VICHAR



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